Friday, August 23, 2013

महंगी गाड़ियों में चलते हैं बाबा, किसी के पास है ऑडी तो कोई रखता है पजेरो


भारत में लोग पाखंडी बाबाओं की कितनी भी आलोचना क्यों न कर लें, लेकिन फिर भी गेरुआ या दूसरे धार्मिक लिबास देखकर लोग शीश नवाते ही हैं। हाल के वर्षों में जिस तरह से कई छोटे-बड़े, असली-नकली यानी हर किस्म के बाबा विवादों में घिरे हैं, उससे खटका होने लगा है कि कहीं हम अधर्मयुग की देहरी पर पांव तो नहीं रख रहे। 
 
धर्म के नाम पर व्यापार करने और पैसा ऐंठने के आरोप तो बीते जमाने की बात हो गए। यहां तक कि प्रतिष्ठित कथावाचक और शंकराचार्य की गद्दी पर बैठे महानुभावों का दामन भी इन छींटों से नहीं बच पाया। यहां तो पता ही नहीं चल रहा कि ठग ने साधु का वेश धर लिया है या साधु ही ठग हो गए हैं। आज दैनिक भास्कर अपनी इस कड़ी में आपको बता रहा है ऐसे ही बाबाओं की कहानी जिन्होंने जनता की भावनाओं के साथ तो खिलवाड़ किया ही साथ उनकी जेब पर ढाका भी डाला। 

फर्राटा भरती बेशकीमती गाड़ियों पर नजर ठहरना स्वाभाविक है, लेकिन आंखें तो तब चौंकती हैं जब इनमें कोई भगवा वस्त्रधारी साधु दिखाई देते हैं। हालांकि इन्हें देखने वाले तो हैरानी से ही देखते हैं, लेकिन लोग बस देखते रहते हैं और प्रवचन सुनाने वाले आम साधु-संत गाड़ी में बैठ चुप से निकल जाते हैं और जब उनसे पूछो तो कहा जाता है भक्त ने दी है। एक नहीं ये सभी साधुओं, बाबा, धार्मिक गुरुओं की कहानी है।
आज Dainikbhaskar.com आपको दे रहा है ऐसी ही एक जानकारी जिसमें बाबाओं के पास बेशकीमती गाड़ियां हैं और अक्सर ये प्रवचन सुनाने भी पहुंचते हैं तो इनके पीछे गाड़ियों का काफिला चलता है।

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