जोधपुर। यौन उत्पीडऩ मामले में पुलिस जांच और साक्ष्यों से जुड़ी कहानी के मुताबिक आसाराम की नीयत में पहले से खोट थी। हालांकि उनका जोधपुर में पंद्रह अगस्त तक रुकने का कार्यक्रम निर्धारित नहीं था, मगर जब पीडि़ता का जोधपुर आना तय हो गया तो शिल्पी (खास शिष्या ‘शिल्पी’: आसाराम के लिए लड़कियों का इंतजाम करने का आरोप) से सूचना मिलने के बाद आसाराम ने पाल आश्रम के बजाय मणाई के फार्म हाउस में एकांतवास का बहाना बनाया।
पुलिस की यह कहानी शिल्पी, सेवादार शिवा और आसाराम से हुई बातचीत के आधार पर बन रही है। आसाराम ने सीधे शिल्पी से बात नहीं की, पूरी बातें शिवा के माध्यम से हुई और यही बातें शिवा ने पुलिस पूछताछ में उजागर कर दीं। शिवा की रिमांड अवधि शनिवार को खत्म हो रही है, उसे तीसरी बार कोर्ट में पेश कर अब जेल भिजवाने की तैयारी की जा रही है। उधर शिल्पी व प्रकाश के बारे में अब तक कोई सुराग नहीं मिला है।
वहीं दूसरी ओर आसाराम से पीडि़त महिलाएं अब गोलबंद होने लगी हैं। जोधपुर पुलिस से ऐसी कई महिलाओं ने संपर्क साधा है। शिकायतें की हैं। हालांकि किसी ने केस दर्ज नहीं कराया है, लेकिन पुलिस को भरोसा दिलाया है कि जरूरत पड़ी तो वे मदद को तैयार जाएंगी।
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