नई दिल्ली. अंग्रेजी मैगजीन वीक ने अपने ताजा अंक (जो 27 अप्रैल को बाजार में आएगी) में सनसनीखेज दावा किया है। मैगजीन ने कहा है कि नरेंद्र मोदी ने वडोदरा में नामांकन के दौरान अपनी पत्नी जशोदाबेन की जानकारी देने के तुरंत बाद कुछ लोग उनके घर भेज दिए, ताकि उन्हें लोगों की नजरों से दूर रखा जा सके। मैगजीन ने विश्व हिंदू परिषद के सूत्रों के हवाले से कहा है कि नामांकन के तुरंत बाद कुछ विहिप कार्यकर्ता और सुरक्षाकर्मी तीर्थयात्रियों के वेश में तीन सफेद एसयूवी में सवार होकर जशोदाबेन के घर पहुंचे थे।
जशोदाबेन के घर पहुंचे इन लोगों ने उनसे कहा कि चार धाम की यात्रा करने का उनका सपना पूरा होने वाला है। सूत्रों के मुताबिक, ये लोग जशोदाबेन को अहमदाबाद ले गए, जहां से वह एक चार्टड प्लेन पर सवार होकर यूपी और उत्तराखंड की सीमा पर औरंगाबाद गईं। इसके बाद वह ऋषिकेश स्थित रामदेव के आश्रम चली गईं। आश्रम में काम करने वालों का कहना है कि 13 अप्रैल को एक महिला सफेद गाड़ी में सवार होकर आई थी।
मैगजीन के मुताबिक, जशोदाबेन की सुरक्षा में गुजरात सिक्युरिटी के उच्च अधिकारी थे। शायद उनको यह भी नहीं पता कि उनके साथ मौजूद ये लोग तीर्थयात्री नहीं हैं, बल्कि उन्हें लोगों की नजरों से जशोदाबेन को दूर ले जाने के लिए तैनात किया गया है। मैगजीन के मुताबिक, यह जानकारी द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के एक करीबी ने दी है। सरस्वती ने हाल में ही मोदी के खिलाफ बयान दिया था।
No comments:
Post a Comment